His Cherished Treasure
दुआ....जिसे सुनते ही सबके जहन में बस भगवान का नाम आता हैं पर वही दुआ अगर खुदके लिए एक श्राप बन जाए तो क्या होगा? मासूम दुआ की जिंदगी बर्बाद करने के पीछे उसके अपने लोगों का हाथ था। दूसरी तरफ आध्यांश....जिसकी जान उसकी फैमिली में बसी हुई थी और वो खुद भी कई लोगों को जीने की नई उम्मीद देकर उनकी जिंदगी में खुशियां भरने का छोटा सा काम करता था। क्या ऐसे में दुआ की बेरंग सी जिंदगी में आध्यांश खुशियों का रंग भर पायेगा? दुआ की बर्बाद जिंदगी को वो फिरसे आबाद कर पायेगा?