
अग्नि अपने दोनों हाथों से सिया के गालों को पकड़ कर अपनी सॉफ्ट टोन में बोला, "वही कर रहा हुं बेटू। मैं जानता हुं की मैंने आपको सुबह - सुबह डांट दिया और मुझे ऐसे नहीं करना चाहिए था, लेकिन आप भी बोलो की मैं क्या करु?"
अग्नि ने सिया को वहां मौजूद एक चेयर पर बिठाया और खुद उसके आगे अपने पैरों पर बैठकर उसका हाथ पकड़ते हुए बोला, "आपको भी पता हैं ना की आपका ये छोटा सा पेट कितना ज्यादा कमजोर हैं और उसपर कुछ भी उटपटांग खाकर फिर आप उल्टियां कर देते हो, अपनी हेल्थ खराब करते हो तो ऐसे में आप स्ट्रांग कैसे बनोगे?"








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