
2 दिन बाद
दो दिन हो चुके थे लेकिन व्याख्या का कोई पता नहीं चल रहा था। व्यांश और प्रथम के आदमी.. यहां तक की वो दोनों भी बिना कुछ खाये - पिये पागलों की तरह उसे ढूंढ रहे थे लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा था।


2 दिन बाद
दो दिन हो चुके थे लेकिन व्याख्या का कोई पता नहीं चल रहा था। व्यांश और प्रथम के आदमी.. यहां तक की वो दोनों भी बिना कुछ खाये - पिये पागलों की तरह उसे ढूंढ रहे थे लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा था।

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