
निर्वान और विराज अग्नि की गोद में सोती हुई सिया की तरफ ही देख रहे थे। उनके क्यूट लेकिन उतरे हुए चेहरे देखकर उन लोगों को बुरा लग रहा था।
शरण्या उन दोनों भाईयों के आगे बैठी और उनके छोटे छोटे हाथों को पकड़ कर उन्हें चूमते हुए बोली, "बेबी आपकी दिदु सोई हैं ना? अभी अगर आप दोनों इन्हें उठाओगे तो ये उदास हो जायेगी। आपको अच्छा लगेगा अगर आपकी दिदु सैड हो जाए?"








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