
अग्नि ने कायनात को अपनी गोद में उठाया जिसमें बिल्कुल भी जान नहीं थी। अग्नि कायनात को लेकर रूम में आते हुए अर्थ से बोला, "अर्थ इसने वोमिटिंग भी की और फीवर भी वैसे का वैसा हैं।"
वहां पर रुद्र भी था, जिसके चेहरे पर चिंता साफ दिख रही थी, तो पृथ्वी की आंखों में नमी थी। वो कायनात को लेकर काफी सेंसिटिव हो चुका था। कायनात को इतने दर्द में देखकर उसकी जान निकल रही थी।









Write a comment ...