
इस वक्त व्याख्या व्यांश की गोद में बैठी हुई थी। व्यांश व्याख्या की ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को पकड़ते हुए बोला, "जैसे मुझे ये मोटे चाहिए वैसे नहीं हैं पर कोई बात नहीं। मुझे पता हैं की क्या करना हैं, जिससे आपका ये बदन और भी लुभावना बन जाए।"
व्यांश ने तेजी से व्याख्या के बूब्स को दबाया, जिसके अगले ही पल उसकी चीख निकल आयी, "आह्ह्ह्... " व्याख्या की चीख सुनते ही व्यांश के होंठों पर उसकी तिरछी मुस्कान आयी।









Write a comment ...