
अग्नि कायनात के लहंगे को ऊपर की तरफ उठाकर उसके नाजुक लेकिन खाली पैरों की तरफ देखते हुए अपने भाईयों से बोला, "ये मैरिड हैं और आज त्यौहार का दिन हैं और ऐसे में एक सुहागन के पैर खाली नहीं रहने चाहिए।"
इसी के साथ वो वहां से चला गया। अग्नि को रूम से जाता देखकर वो तीनों कंफ्यूज हुए लेकिन तभी अग्नि दो बॉक्स लेकर वहां आया।

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