
कृशल की बात सुनकर अग्नि उसे घूरते हुए उससे बोला, "तुझे तो मैं बाद में देख लूंगा।" अग्नि की बात सुनकर कृशल के होंठों पर उसकी टेढ़ी स्माइल आयी और वो अपना सिर हिलाते हुए उससे बोला, "मैं कहीं भागा नहीं जा रहा भाई सा... या फिर मैं आपको अब से ससुर जी बोलना चालू कर दु?"
जैसे ही वायु ने कृशल की ये बात सुनी उसकी खुदकी आंखें बाहर ही आ गयी, वही अग्नि गुस्से में उसपर गुर्राते हुए उससे बोला, "तेरी जुबान खींच लूंगा मैं... "

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