
प्राचीन शिव मंदीर
अग्नि वहां स्थापित भोलेनाथ की मूर्ति की तरफ देखते हुए बोला, "मेरी बच्ची ने किसीका कुछ भी नहीं बिगाड़ा तो आप उसे किस बात की सज़ा दे रहे हो... मेरी बेटी होने की? क्या आप सच में उसे मेरे गुनाहों की सज़ा दे रहे हो? अगर हा तो ऐसे मत करो। मैं अपने गुनाहों की सज़ा भुगतने के लिए तैयार हुं। आप चाहों तो मेरी जान ले लो लेकिन मेरे बच्चे की जिंदगी बख्श दो।"

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