
अभी दुआ आध्यांश के साथ बैठी हुई थी, जहां हीर दुआ के सिर पर चुनरी ओढ़ा रही थी। कुछ ही ढेर में उनकी ये रस्म हो गयी और अब वो दोनों साथ में बैठे हुए थे।
उन दोनों को यू साथ में देखकर पंखुड़ी रुही से बोली, "कितने प्यारे लग रहे हैं ना दोनों साथ में?" उनके इस सवाल पर रुही भी अपना सिर हिलाते हुए उनसे बोली, "हा।"

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