
अभी वो तीनों भाई कायनात के पास बैठे हुए थे। जहां अग्नि कायनात के सिर के पास बैठकर धीरे धीरे उसके बालों को सहला रहा था, वही अर्थ और पृथ्वी कायनात के पैरों के पास बैठे हुए थे।
अग्नि ने पृथ्वी की तरफ देखा और अपनी प्लेन आवाज़ में वो उससे बोला, "पृथ्वी... " अग्नि की आवाज़ कानों में पड़ते ही पृथ्वी अपना पुरा ध्यान अग्नि पर देते हुए बोला, "जी भाई।"

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