
जहां राघव चुप था, वही मान ने वो फाइल खोली और उसे पढ़ने लगा। जैसे - जैसे वो उसे पढ़ रहा था, वैसे - वैसे मान की आंखें बड़ी - बड़ी हो रही थी।
अचानक से मान के हाथ से वो फाइल नीचे गिरी और वो उसका सिर ना में हिलाते हुए बोला, "न नहीं। य ये नहीं हो सकता। ये झूठ हैं।"

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