
आशी को वहां देखते ही मान और शनाया के एक्सप्रेशन सर्द हो चुके थे। वही जब अभिमन्यु ने उसे वहां देखा उसने गुस्से की वजह से अपनी मुट्ठियां भींच ली।
आशी उसकी चेयर पर बैठने जा ही रही थी की तभी अभिमन्यु अपनी एकदम चिढ़ि हुई आवाज़ में बोला, "मुझे इसकी शक्ल भी नहीं देखनी इसको बोलो चली जाए यहां से।"

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