
आशी कुछ रिएक्ट नहीं कर रही थी। उसकी बॉडी ने जैसे काम करना ही बंद कर दिया था। वो बस अभिमन्यु की तरफ देख रही थी। वही अभिमन्यु के गुस्से की हद अब पार होने लगी और वो अपनी मुट्ठी भींचते हुए बोला, "लगता हैं मानोगी नहीं।"
अगले ही पल अभिमन्यु ने आशी की साड़ी निकाल कर फेंक दी और साथ ही उसका ब्लाऊज और पेटीकोट भी। अभी वो अभिमन्यु के आगे बस उसके इनर्स में खड़ी थी।

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